कालिमा नभ में यूँ बिखेर किया धूम को तुषार मंडित कालिमा नभ में यूँ बिखेर किया धूम को तुषार मंडित
हमारी कश्ती भी ऐसे में, ख़ूब हिचकोलें खाती है।। संयम और सबर का, इम्तिहान हमें तब देना है। हमारी कश्ती भी ऐसे में, ख़ूब हिचकोलें खाती है।। संयम और सबर का, इम्तिहा...
अग्नि से ही शुरू होती अग्नि पर ही खत्म होती हम लोगों की जिंदगी। अग्नि से ही शुरू होती अग्नि पर ही खत्म होती हम लोगों की जिंदगी।
हे कामना यह हमारी जले दीप आशाओं के सदा इस जीवन में। हे कामना यह हमारी जले दीप आशाओं के सदा इस जीवन में।
तुच्छ स्वार्थ हेतु तोड़ना अटूट विश्वास क्या यही प्यार है। तुच्छ स्वार्थ हेतु तोड़ना अटूट विश्वास क्या यही प्यार है।
सीता का सतीत्व, कब तक बचाये नारी। सीता का सतीत्व, कब तक बचाये नारी।